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B] 4 महाविगई त्याग
5] मांस त्याग
मांस के प्रकार
i) जलचर
पानी में होनेवाले जीव । मच्छी, खेकड़ा, कछुआ इत्यादि का मांस
ii) स्थलचर
धरती पर चलनेवाले जीव । गाय, भेंस, भेड़, बकरा, साप, नेऊला इत्यादि का मांस
iii) खेचर
आकाश में उड़नेवाले जीव । कबूतर, मुर्गी, पोपट, चिड़ियॉं, इत्यादि का मांस और अंडा
iv) विकलेंद्रिय
सूक्ष्म जीवजंतु, केचुआ, चींटी, मकोडा, तड़िघोड़ा इत्यादि का मांस
उपरोक्त प्रकार में से कोई भी प्रकार के जीव का मांस खाना महापाप स्वरुप हें । किसी भी जीव को हलाल करके प्राप्त हुए मांस से कभी भी आरोग्य नहीं मिल सकता । मरते हुए जीव की बट्टु आएँ कभी भी निष्फल नहीं जाती । आज के आधुनिक विज्ञान ने भी खोज निकाला हैं कि भूकंप मूक पशुओं की हत्या से उत्पन्न होती चित्कारों से पैदा होता हैं । किसी भी जीव को जब हलाल करने में आता हैं तब मृत्यु की वेदना से पीडित होते जीव वायब्रेसन्स छोडते हैं जिसके द्वारा धरती भी हिल जाती हैं । तो मानव के आरोग्य का क्या पूछना ?
आज जहाँ विदेशी लोग नॉनवेज़ छोड़कर वेज़ीटेरीयन फुड के तरफ करोंडों की संख्या में दौड़ रहे हैं और इस देश के मानव रातोरात बॉडी-बिल्डर बन जाने के ख्वाब में दोनों हाथों से केन्टुकी, फ्रायचीकन, लोब्स्टर, बीरयानी और बकरे के मांस का समोसा झपटने लगे हैं । खूद के पेट को अपवित्र कर चूके हुए लल्लूओं को कौन समझायें कि ताकात प्राप्त करने की तमन्ना में तुम्हारें शरीर में कुल 1६० रोगों को न्यौता दे रहे हों । अमेरिका की हेल्थ मेगजीन ने जाहीर किया हैं कि, जिसकी सात पीढ़ी में किसी ने नॉनवेज न खाया हो और वह नॉनवेज खाने लगे तो उसके शरीर में 160 रोग होते हैं|
Source : Research of Dining Table by Acharya Hemratna Suriji